आंखों की करें सुरक्षा,कराएं नियमित जांच–जिलाधिकारी
आंखों की सफाई का रखें विशेष ध्यान–मुख्य चिकित्सा अधिकारी
*खाएं हरी सब्जियाँ और पके फल
*कंप्यूटर स्क्रीन पर न करें लगातार काम
वाराणसी। जिलाधिकारी एवं जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष श्री कौशल राज शर्मा ने निर्देशित किया कि विश्व दृष्टि दिवस के अवसर पर कोविड -19 के नियमों को ध्यान में रखते हुये जनपद के समस्त राजकीय चिकित्सालयों एवं सहयोगी संस्थाओ के चिकित्सालयों के माध्यम से सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जा रही नि:शुल्क नेत्र स्वास्थ्य सेवाओ की जानकारी समुदाय को उपलब्ध करायी जाए। सभी का नेत्र परीक्षण किया जाए तथा आवश्यकतानुसार दवा का वितरण भी किया जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि अपनी आँखों की सुरक्षा आपके हाथ में है इसलिए अपनी आखों का परीक्षण समय-समय पर कराते रहना चाहिए जिससे आंखों में होने वाली परेशानियों से बचा जा सके। गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी राष्ट्रीय अंधता एवं दृष्टिक्षीणता नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत अक्टूबर माह के द्वितीय वृहस्पतिवार यानि 8 अक्टूबर को 21 वां विश्व दृष्टि दिवस मनाया जाएगा। इस वर्ष की थीम “अंधता और दृष्टिक्षीणता की ओर विश्व का ध्यान खींचना” है । इस विश्व दृष्टि दिवस के उपलक्ष्य में सोशल मीडिया के माध्यम से जिला चिकित्सालय, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा सब सेंटर स्तर तक वृहद प्रचार-प्रसार गतिविधियाँ संपादित करायी जाएं । इसके साथ ही चिकित्सालयों की ओपीडी में बचपन की अंधता के विभिन्न प्रकारों रोकथाम/नियंत्रण के साथ-साथ बच्चों की अंधता के चिकित्सा पक्ष को मजबूत करने पर विस्तृत चर्चा करें जिससे बच्चों के नेत्ररोगों को समय रहते उपचारित कर उनकी नेत्रज्योति को बचाया/पुन:वापस लाकर उनकी सृजनात्मक आयु को बचाया जा सके।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीबी सिंह ने बताया कि जिला अस्पताल तथा जनपद के विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर “विश्व दृष्टि दिवस”मनाया जायेगा जिसके अन्तर्गत बच्चों,महिलाओ,पुरुषों और वृद्धजनों की नेत्रज्योति का परीक्षण किया जायेगा। दृष्टि सुरक्षा एवं क्षमता संवर्धन के क्रम में जनपद में स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह सभी नेत्र परीक्षण नि:शुल्क किए जायेंगे। उन्होने बताया कि भारत में बच्चों में होने वाली दृष्टिहीनता का एक बड़ा एवं मुख्य कारण उनके नेत्रों में होने वाले इन्फेक्शन,विटामिन ए की कमी, कुपोषण, नेत्रों में लगने वाली चोटें,बाल्यावस्था में होने वाला मोतियाबिंद, आरओपी और निकट एवं दूर दृष्टि दोष आदि हैं। लगभग 70 से 80% बच्चों की दृष्टिहीनता को रोका या बहुत कम खर्च में किए जाने वाले प्रयासों से ही ठीक किया जा सकता है। उन्होने बताया कि आँखों को स्वस्थ रखने के लिए साफ-सफाई तथा हरी सब्जियों और फलों का प्रयोग करते रहने एवं कंप्यूटर स्क्रीन पर लगातार काम न करने से नेत्र संबंधी परेशानियों से बचा जा सकता है।
नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.ए.के. गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय अंधता नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जनपद में इस वर्ष अभी तक 2345 मरीजों का मोतियाबिंद ऑपरेशन किया गया है। नेत्र रोग के उपचारित रोगियों की संख्या 14,506 है। निकट एवं दूर दृष्टिदोष के उपचारित मरीजों की संख्या कुल 2891 है। ग्लूकोमा के उपचारित मरीजों की संख्या 98 हैं। बुजुर्गों को अब तक 357 चश्मे वितरित किए जा चुके हैं। उन्होने बताया कि भारत में प्रति वर्ष मनाया जाने वाला विश्व दृष्टि दिवस एक अति महत्वपूर्ण दिवस है,जिसमें नेत्रों के स्वास्थ्य की नवीनतम तकनीक से जनमानस को अवगत कराया जाता है ताकि लोग इसका लाभ भी ले सकें।
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