खेल | अमेरिकी ओपन युगल खिताब के जरिये ग्रैंडस्लैम जीतने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बने लिएंडर पेस ने कहा है कि उम्र उनके लिये सिर्फ आंकड़ा है जिसे देखकर वह बस मुस्कुराते हैं | चालीस बरस के पेस ने चेक गणराज्य के राडेक स्टेपानेक के साथ अमेरिकी ओपन पुरुष युगल खिताब जीता | यह उनका आठवां युगल ग्रैंडस्लैम और कुल 14वां खिताब है. उन्होंने फाइनल में अलेक्जेंदर पेया और ब्रूनो सोरेस को 6-1, 6-3 से मात दी |
पेस ने जीत के बाद कहा, ‘आज राडेक ने मुझे ओपन युग में ग्रैंडस्लैम जीतने वाला सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बनने में मदद की | मैं उसे धन्यवाद देता हूं और अभी हमारा सफर खत्म नहीं हुआ है. मैं 41, 42 और फिर 43 साल का भी होउंगा.’ उन्होंने कहा, ‘हम दोनों ऐसे देशों से हैं जहां टेनिस नंबर वन खेल नहीं है | हमने यहां तक पहुंचने के लिये काफी संघर्ष किया लिहाजा उम्र सिर्फ एक आंकड़ा है जिस पर मैं मुस्कुराता हूं |’
उन्होंने कहा, ‘हम आपसे बात करके इस पर मुस्कुरा सकते हैं क्योंकि आप हमें इसे लेकर छेड़ते रहते हैं जो अच्छी बात है. जहां तक हमारा सवाल है तो हमारा जोर मैच दर मैच अच्छे प्रदर्शन पर रहता है.’ पेस ने कहा कि यह उनके कैरियर की सबसे खास जीत में से है |
उन्होंने कहा, ‘यह खास जीत है. मेरे लिये यह आस्ट्रेलियाई ओपन में मिली जीत से भी खास है. आस्ट्रेलिया में मैं कैरियर स्लैम के लिये खेल रहा था और उसमें राडेक ने काफी मेहनत की |’
पेस ने कहा, ‘हमने इसे हासिल कर लिया. वह काफी खास थी लेकिन यह जीत और खास है क्योंकि इस पूरे साल हम दोनों ने प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना किया.’ उन्होंने कहा, ‘मैंने हमेशा कहा है कि टेनिस हमारे लिये वरदान रहा है जिससे दोस्ती, भाईचारा पैदा होता है. मेरे लिये इस साल राडेक के साथ यह खिताब जीतना ऐसा पल है जिसे मैं कभी भूल नहीं सकूंगा.’ उन्होंने कहा कि यह उनके कैरियर के सर्वश्रेष्ठ पलों में से एक है |
पेस ने कहा, ‘यह मेरे कैरियर की सर्वश्रेष्ठ जीत में से एक है. यह मेरा 31वां फाइनल था और मेरे पास बेहतरीन युवा जोड़ीदार है. मुझे उसके साथ खेलने और अभ्यास करने में मजा आता है.’ पेस के लिये यह तीसरा अमेरिकी ओपन खिताब है. इससे पहले उन्होंने 2006 में मार्टिन डैम और 2009 में लुकास डलूही के साथ खिताब जीता था और वे दोनों भी चेक गणराज्य के थे |
पेस ने अपनी सफलता का श्रेय खेल, अपने जोड़ीदारों और प्रतिद्वंद्वियों के प्रति सम्मान को दिया | उन्होंने कहा, ‘जब मैं कोर्ट पर उतरता हूं तो प्रतिद्वंद्वियों के प्रति मेरे मन में इतना सम्मान रहता है कि मैं हर शाट पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहता हूं. यह सफलता खेल, प्रतिद्वंद्वी और अपने जोड़ीदार के सम्मान से संभव हुई है.’